गर्मियों में इन सामान्‍य उपायों से करें अपनी सुरक्षा

गर्मियों में इन सामान्‍य उपायों से करें अपनी सुरक्षा

सेहतराग टीम

चिंता सिर्फ गर्मी की ही नहीं है बल्कि गर्मियों में होने वाले संक्रमण, बीमारियों और अलग-अलग तरह की एलर्जी की चिंता अभी से करने की जरूरत है क्‍यों‍कि गर्मियों के लिए आप जितना तैयार रहेंगे उतना ही आप बीमारियों से बचे भी रहेंगे।

कुछ टिप्‍स

-हमेशा अपने साथ पानी की बोतल रखें। इसमें हलका नमक, चीनी और नींबू मिलाकर रखना अतिरिक्‍त रूप से फायदेमंद होगा। तेज पसीना निकलने की स्थिति में ये शरीर में मिनरल्‍स को संतुलित रखेगा।

-अत्‍यधिक चीनी वाले शीतल पेय पदार्थों को दूर से नमस्‍कार करें क्‍योंकि ये शरीर में पानी को अवशोषित होने वाली प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं।  

-गहरे रंग और तंग कपड़े न पहनें क्‍योंकि ये शरीर के रोम छिद्रों को बंद कर देते हैं और इसके कारण शरीर की गर्मी और बढ़ जाती है। गर्मियों में हलके रंग के ढीले ढाले सूती कपड़े शरीर के लिए सबसे उपयुक्‍त होते हैं।

-गर्मियों के फलों और सब्जियों जैसे कि तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी, तोरी आदि का सेवन ज्‍यादा से ज्‍यादा करें क्‍योंकि इनमें पर्याप्‍त मात्रा में पानी होता है।

-गर्मियों में यूं तो चारदीवारी के अंदर रहना सबसे अच्‍छा है मगर यदि जरूरी काम से बाहर जाना ही पड़े तो ये सुनिश्चित करें कि शरीर को ठंडा रखने के जरूरी उपाय आपके साथ ही रहें। सिर को ठंक कर रखना भी जरूरी है।

- गर्मियों पर पेशाब की निगरानी रखें। गहरे पीले रंग के पेशाब का अर्थ है कि शरीर में पानी की कमी हो रही है और आपको तत्‍काल शरीर को पानी देने की जरूरत है।

क्‍या परेशानियां हो सकती हैं

गर्मियों की समस्‍या में सबसे पहला नाम आता है आंखों में होने वाली एलर्जी का। कंजक्टिवाइटिस की समस्‍या गर्मियों में सबसे अधिक होती है और ये एक से दूसरे में तेजी से फैलती भी है। इसी प्रकार बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम और गले में सूजन होना आम बात है। ठंड भर सामान्‍य या हल्‍का गुनगुना पानी पीने वाले अचानक से अब ठंडे पानी की तलाश करेंगे और इस तलाश में गला खराब होना सबसे आम समस्‍या है।

वैज्ञानिक वजह क्‍या है

दरअसल गर्मियों में हमारा शरीर कई तरह की एलर्जी के खतरे से जूझता है और इसलिए शरीर की रोग प्रतिरो‍धक क्षमता कई तरह के एलर्जी स्‍पेसिफ‍िक एंटीबॉडीज बनाती है। ये एंटीबॉडीज हमारी आंखों, नाक, फेफड़े और त्‍वचा में मौजूद होते हैं और जब कोई व्‍यक्ति किसी एलर्जेन (एलर्जी फैलाने वाले कारक) के संपर्क में आता है तो ये एंटीबॉडी उसकी प्रतिक्रिया में हिस्‍टामाइन्‍स नामक रसायनों को रिलीज करते हैं जो कि शरीर में एलर्जिक रिएक्‍शन का कारण बन जाते हैं।

डॉक्‍टर क्‍या सलाह देते हैं

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के.के. अग्रवाल कहते हैं कि गर्मियों की आम एलर्जिक लक्षणों में लगातार सिरदर्द, नाक के बदले मुंह से सांस लेना, बंद कान, गले में खिच खिच और अनिद्रा शामिल है। इस प्रकार के लक्षण दिखें तो किसी फ‍िजिशियन से दिखाकर सलाह ले लें। एक बात का और ध्‍यान रखें कि गर्मियों में पानी लोग ज्‍यादा पीते हैं और सबसे अधिक एलर्जी भी पानी से ही होती है। इसलिए पानी की शुद्धता का ध्‍यान रखें। थकान, डिहाइड्रेशन या ठंड लगने जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें क्‍योंकि यह किसी एलर्जी का पहला कदम हो सकता है।

अस्‍थमा के मरीजों के लिए चिंता

अब से लेकर अगले कुछ महीने देश के कुछ हिस्‍सों में धूल भरी आंध‍ियां चलेंगी। इनके कारण घरों में धूल का जमना आम बात है। ये स्थिति दमा या कहें अस्‍थमा के मरीजों के लिए अच्‍छी नहीं है। इसलिए घर की नियमित सफाई जरूरी है।

एसी का नुकसान

अगले एक महीने में एसी का इस्‍तेमाल भी जमकर होने लगेगा। एसी में ज्‍यादा वक्‍त बिताने वालों को ताजी हवा कम मिल पाती है और शरीर में रूखापन बढ़ता है। इसके कारण गले की समस्‍या तेजी से फैलती है। इसलिए बहुत जरूरी होने पर ही एसी का इस्‍तेमाल करेंगे तो शरीर और बिजली दोनों की बचत होगी।

शरीर को आराम दें

डॉक्‍टर के.के. अग्रवाल कहते हैं कि गर्मियों में शरीर को पर्याप्‍त आराम देना महत्‍वपूर्ण होता है। शरीर में पानी का इनटेक पर्याप्‍त बनाए रखें और दोपहर के समय बाहर निकलने से परहेज करें। अचानक तापमान में बदलाव से शरीर को बचाना अच्‍छा आइडिया है यानी एसी से निकलकर अचानक तेज धूप जाना ठीक नहीं।

खाना हलका रखें

सर्दियां बीत गई हैं और इसी के साथ तले-भुने खाने का भी विदाई देने का वक्‍त आ गया है। बेहतर है कि नियमित भोजन को बेहद हलका रखें और अनावश्‍यक दवाइयां न खाएं। गर्मियों में प्रकृति के जितना करीबी रहेंगे उतना ही आपको लाभ होगा।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।